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Chacha Chaudhary 3 in-1 Comics Hindi VOL. 11 ( Chacha Chaudhary AurUdne Wala Bichhu | Chacha Chaudhary Bank Robbery | Chacha Chaudhary Big Head )
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Chacha Chaudhary 3 in-1 Comics Hindi VOL. 13 ( Chacha Chaudhary Fake Currency | Chacha Chaudhary Football World Cup | Chacha Chaudhary Gangwar )
₹300 ₹225 (For PI Members: ₹120. Join PI Membership Now to get 60% off!)
Chacha Chaudhary 3 in-1 Comics Hindi VOL. 12 ( Chacha Chaudhary bullet Train | Chacha Chaudhary Corona Warriors | Chacha Chaudhary Danger Butterfly )
Publisher:
Diamond Toons
| Author:
Pran
| Language:
Hindi
| Format:
Omnibus/Box Set (Paperback)
₹300 ₹225 (For PI Members: ₹120. Join PI Membership Now to get 60% off!)
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
SKU:
SKU
CHACHACHAUDHARYSET12
Categories Children, Graphic Novels/Comics
Categories: Children, Graphic Novels/Comics
Page Extent:
134
1.प्राण कुमार शर्मा जिन्हें प्राण के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध भारतीय कार्टूनिस्ट थे। इनका जन्म 15 अगस्त, 1938 पंजाब के एक छोटे से कस्बे कसूर में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान में स्थित है, जबकि इनका निधन 6 अगस्त 2014 को हुआ था।
`प्राण को प्रतिष्ठित भारतीय कॉमिक बुक कैरेक्टर ‘चाचा चौधरी’ बनाने के लिए जाना जाता है। लाल पगड़ी और सफेद मूंछों वाला एक अधेड़ उम्र का आदमी बुद्धि, बुद्धिमत्ता और समस्या को सुलझाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। जल्द ही यह घर-घर में प्रसिद्ध हो गया। ‘चाचा चौधरी’ की लोकप्रियता को देखते हुए कई भारतीय भाषाओं में इसे प्रकाशित किया गया।
प्राण ने बतौर कार्टूनिस्ट अपना करियर 1960 के दशक में शुरू किया था। शुरुआती दौर में वह दिल्ली के एक अखबार मिलाप में काम किया करते थे। बाद में उन्होंने ब्लिट्ज और इंडियन एक्सप्रेस सहित कई बड़े प्रकाशनों के लिए काम किया। साल 1971 में उन्होंने अपनी एक कॉमिक बुक सीरिज शुरू की, जिसमें श्रीमतीजी, बिल्लू और पिंकी जैसे पात्रों को शामिल किया। धीरे-धीरे भारत के हर बच्चे और व्यस्क की जुबान पर इन सभी किरदारों का नाम चढ़ गया।
देश में कॉमिक्स को प्रचलित करने के योगदान के लिए प्राण को वर्ष 1999 में भारत का सबसे बड़ा नागरिक पुरुस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वह यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय कार्टूनिस्ट थे।
एक कार्टूनिस्ट और हास्य पुस्तक निर्माता के रूप में प्राण की विरासत आज भी उनके पात्रों और अनगिनत पाठकों के माध्यम से जीवित है। आज भी लोग उन कॉमिक्स को पढ़कर आनंदित होते हैं। इसमें दो राय नहीं है कि भारतीय संस्कृति पर उनके महतवपूर्ण कार्यों और योगदानों का प्रभाव काफी गहरा रहा है। प्राण सदैव भारतीय इतिहास में सबसे प्रिय कार्टूनिस्ट के रूप में याद किए जाएंगे।
2.भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ एक कड़ी लड़ाई दी है, और अब यह बच्चे हैं जो इस नई सामान्य दुनिया में कदम रखेंगे जब वे स्कूल वापस जाने के लिए तैयार होंगे
जबकि बच्चे स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे हैं, माता-पिता डरे हुए हैं और अपने बच्चों को भेजने या न भेजने की दुविधा में हैं,
तथ्य यह है ,
न्यू पोस्ट कोरोना वर्ल्ड इज न्यू नॉर्मल-
हां, हमें अपने बच्चों को नई सामान्य कोरोना दुनिया में रहने के लिए शिक्षित करना होगा।
टॉकिंग कॉमिक्स बच्चों और वयस्कों के लिए समान रूप से सरल और आसान तरीके से चित्रों और शब्दों के संयोजन के साथ बच्चों और वयस्कों से बात करने और संवाद करने के लिए एक उपन्यास अवधारणा है – संचार को सबसे आसान संभव तरीके से एक प्रभावशाली व्यवहार परिवर्तन बनाता है।
“कॉमिक्स शिक्षित करने के लिए – अपने सीखने को मज़ेदार बनाएं #टॉकिंग कॉमिक्स”
चाचा चौधरी टॉकिंग कॉमिक्स – बैक टू स्कूल – कोरोना वॉरियर्स एक सरल और अभिनव तरीका है जिसमें कॉमिक हीरो चाचा चौधरी का उपयोग करके प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए स्कूल वापस जाने के क्या करें और क्या न करें – नई कोरोना दुनिया में -, हम सीखना बंद नहीं कर सकते हैं, आइए उन्हें यह बताकर शुरू करें कि स्कूलों में कैसे सुरक्षित रहें।
कॉमिक में शामिल हैं
सुरक्षित रहें, मास्क पहन कर रखें
हाथ साफ का अर्थ है अच्छा स्वास्थ्य
सामाजिक दूरी जीने की कुंजी है
चाचा चौधरी के बारे में
नंबर 1 प्रतिष्ठित हास्य चरित्र।
भारत के राष्ट्र के लिए भरोसेमंद चरित्र।
सबसे लोकप्रिय और प्यारा चरित्र।
सभी आयु समूहों के साथ अच्छा संबंध।
अच्छे पद्मश्री प्राण
3. मॉरिस हार्न, वर्ल्ड एन्सायक्लोपीडिया ऑफ कॉमिक्स के एडिटर ने कार्टूनिस्ट प्राण को ‘वाल्ट डिज्नी ऑफ इंडिया’ कहा है।
उनकी कॉमिक्स पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ते हुए नौजवानों की हमेशा साथी रही हैं। उन्होंने अपने कैरेक्टर्स ‘चाचा चौधरी, साबू, श्रीमतीजी, पिंकी, बिल्लू, रमन’ इत्यादि के मनोरंजन का भरपूर लुत्फ उठाया है। उनके 600 से ज्यादा टाइटल्स मार्केट में बिक रहे हैं और दर्जनों स्ट्रिप्स न्यूज पेपर्स में छप रहे हैं। चाचा चौधरी पर आधारित एक टी. वी. सीरियल के लगातार 600 एपिसोड तक एक प्रमुख चैनल पर दिखाए गए।
विश्व के कई देशों का भ्रमण कर चुके, प्राण को ‘लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ ने ‘पीपुल ऑफ द ईयर अवार्ड’ से सम्मानित किया है। 1983 में उनकी कॉमिक बुक-‘रमन, हम एक हैं’ का विमोचन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया।मूल्यों को संप्रेषित करने के लिए, हमें एक प्रभावशाली हास्य चरित्र की आवश्यकता है।
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Description
1.प्राण कुमार शर्मा जिन्हें प्राण के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध भारतीय कार्टूनिस्ट थे। इनका जन्म 15 अगस्त, 1938 पंजाब के एक छोटे से कस्बे कसूर में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान में स्थित है, जबकि इनका निधन 6 अगस्त 2014 को हुआ था।
`प्राण को प्रतिष्ठित भारतीय कॉमिक बुक कैरेक्टर ‘चाचा चौधरी’ बनाने के लिए जाना जाता है। लाल पगड़ी और सफेद मूंछों वाला एक अधेड़ उम्र का आदमी बुद्धि, बुद्धिमत्ता और समस्या को सुलझाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। जल्द ही यह घर-घर में प्रसिद्ध हो गया। ‘चाचा चौधरी’ की लोकप्रियता को देखते हुए कई भारतीय भाषाओं में इसे प्रकाशित किया गया।
प्राण ने बतौर कार्टूनिस्ट अपना करियर 1960 के दशक में शुरू किया था। शुरुआती दौर में वह दिल्ली के एक अखबार मिलाप में काम किया करते थे। बाद में उन्होंने ब्लिट्ज और इंडियन एक्सप्रेस सहित कई बड़े प्रकाशनों के लिए काम किया। साल 1971 में उन्होंने अपनी एक कॉमिक बुक सीरिज शुरू की, जिसमें श्रीमतीजी, बिल्लू और पिंकी जैसे पात्रों को शामिल किया। धीरे-धीरे भारत के हर बच्चे और व्यस्क की जुबान पर इन सभी किरदारों का नाम चढ़ गया।
देश में कॉमिक्स को प्रचलित करने के योगदान के लिए प्राण को वर्ष 1999 में भारत का सबसे बड़ा नागरिक पुरुस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वह यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय कार्टूनिस्ट थे।
एक कार्टूनिस्ट और हास्य पुस्तक निर्माता के रूप में प्राण की विरासत आज भी उनके पात्रों और अनगिनत पाठकों के माध्यम से जीवित है। आज भी लोग उन कॉमिक्स को पढ़कर आनंदित होते हैं। इसमें दो राय नहीं है कि भारतीय संस्कृति पर उनके महतवपूर्ण कार्यों और योगदानों का प्रभाव काफी गहरा रहा है। प्राण सदैव भारतीय इतिहास में सबसे प्रिय कार्टूनिस्ट के रूप में याद किए जाएंगे।
2.भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ एक कड़ी लड़ाई दी है, और अब यह बच्चे हैं जो इस नई सामान्य दुनिया में कदम रखेंगे जब वे स्कूल वापस जाने के लिए तैयार होंगे
जबकि बच्चे स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे हैं, माता-पिता डरे हुए हैं और अपने बच्चों को भेजने या न भेजने की दुविधा में हैं,
तथ्य यह है ,
न्यू पोस्ट कोरोना वर्ल्ड इज न्यू नॉर्मल-
हां, हमें अपने बच्चों को नई सामान्य कोरोना दुनिया में रहने के लिए शिक्षित करना होगा।
टॉकिंग कॉमिक्स बच्चों और वयस्कों के लिए समान रूप से सरल और आसान तरीके से चित्रों और शब्दों के संयोजन के साथ बच्चों और वयस्कों से बात करने और संवाद करने के लिए एक उपन्यास अवधारणा है – संचार को सबसे आसान संभव तरीके से एक प्रभावशाली व्यवहार परिवर्तन बनाता है।
“कॉमिक्स शिक्षित करने के लिए – अपने सीखने को मज़ेदार बनाएं #टॉकिंग कॉमिक्स”
चाचा चौधरी टॉकिंग कॉमिक्स – बैक टू स्कूल – कोरोना वॉरियर्स एक सरल और अभिनव तरीका है जिसमें कॉमिक हीरो चाचा चौधरी का उपयोग करके प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए स्कूल वापस जाने के क्या करें और क्या न करें – नई कोरोना दुनिया में -, हम सीखना बंद नहीं कर सकते हैं, आइए उन्हें यह बताकर शुरू करें कि स्कूलों में कैसे सुरक्षित रहें।
कॉमिक में शामिल हैं
सुरक्षित रहें, मास्क पहन कर रखें
हाथ साफ का अर्थ है अच्छा स्वास्थ्य
सामाजिक दूरी जीने की कुंजी है
चाचा चौधरी के बारे में
नंबर 1 प्रतिष्ठित हास्य चरित्र।
भारत के राष्ट्र के लिए भरोसेमंद चरित्र।
सबसे लोकप्रिय और प्यारा चरित्र।
सभी आयु समूहों के साथ अच्छा संबंध।
अच्छे पद्मश्री प्राण
3. मॉरिस हार्न, वर्ल्ड एन्सायक्लोपीडिया ऑफ कॉमिक्स के एडिटर ने कार्टूनिस्ट प्राण को ‘वाल्ट डिज्नी ऑफ इंडिया’ कहा है।
उनकी कॉमिक्स पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ते हुए नौजवानों की हमेशा साथी रही हैं। उन्होंने अपने कैरेक्टर्स ‘चाचा चौधरी, साबू, श्रीमतीजी, पिंकी, बिल्लू, रमन’ इत्यादि के मनोरंजन का भरपूर लुत्फ उठाया है। उनके 600 से ज्यादा टाइटल्स मार्केट में बिक रहे हैं और दर्जनों स्ट्रिप्स न्यूज पेपर्स में छप रहे हैं। चाचा चौधरी पर आधारित एक टी. वी. सीरियल के लगातार 600 एपिसोड तक एक प्रमुख चैनल पर दिखाए गए।
विश्व के कई देशों का भ्रमण कर चुके, प्राण को ‘लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ ने ‘पीपुल ऑफ द ईयर अवार्ड’ से सम्मानित किया है। 1983 में उनकी कॉमिक बुक-‘रमन, हम एक हैं’ का विमोचन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया।मूल्यों को संप्रेषित करने के लिए, हमें एक प्रभावशाली हास्य चरित्र की आवश्यकता है।
About Author
प्राण ने अपने बचपन में सब्जी के एक लिफाफे पर कार्टून बना देखा। जिससे उन्हें कार्टून बनाने की प्रेरणा मिली। वह वास्तव में स्कूल में अपने ड्राईंग-अध्यापक से प्रभावित हुए, जिनका अगूंठा नहीं था, इसके बावजूद वह अत्यन्त सुंदर चित्र बनाते थे। वह दोपहर में केवल आधे घंटे की झपकी लेते थे। प्राण के सात भाई-बहन थे। उन्हें अपनी मां द्वारा चूल्हे पर पकाई जाने वाली रोटी अत्यन्त प्रिय थी। करारी और बढ़िया पकी हुई रोटी...। प्राण को भगवान पर कभी यकीन नहीं रहा। वह कभी मंदिर प्रार्थना करने या दर्शन करने के लिए नहीं गए। उन्हें केवल मानवता में भरोसा था। सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस् से विशेष योग्यता द्वारा डिग्री प्राप्त करने के बाद भी उन्हें किसी स्कूल में ड्राईंग अध्यापक के रूप में नौकरी नहीं मिली। इसी कारण उन्होंने कार्टून बनाना आरंभ किया और एक परंपरा का निर्माण किया। वह शायद एकमात्र ऐसे कार्टूननिस्ट रहे, जिन्होंने 20 से अधिक कार्टून चरित्रों की रचना की और उनके कार्टून की श्रृंखला प्रति सप्ताह विभिन्न समाचार-पत्रों में नियमित चलती रही। जिसे वह आसानी से निभाते रहे।
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