SalePaperback
AATMA VISHWAS AUR ATMA SAMMAN (HINDI)
₹250 ₹225
Save: 10%
ASUR: PARAJITON KI GATHA, RAVAN VA USKI PRAJA KI KAHANI (HINDI)
₹550 ₹440
Save: 20%
ACHCHE MATA PITA KAISE BANE (HINDI)
Publisher:
MANJUL
| Author:
DADA VASWANI
| Language:
English
| Format:
Paperback
₹150 ₹149
Save: 1%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Weight | 141 g |
---|---|
Book Type |
SKU:
Category: Self Help
Page Extent:
138
दादा जे.पी. वासवानी के शब्दों में, ‘घर ही ईश्वर के राज्य का प्रवेश द्वार है, और वही सच्ची प्रसन्नता का राज्य है.’अगर आप भी अपने घर को धरती का स्वर्ग बनाना चाहते हैं, तो दादा आपको इसके लिए राह दिखा रहे हैं. दादा की यह पुस्तक प्रेम, धैर्य, उचित मार्गदर्शन, तथा स्नेहिल अनुशासन को ऐसी योग्यताओं के रूप में प्रकट करती है जिन्हें माता-पिता को अपने भीतर विकसित करना चाहिए ताकि वे अपने बच्चों का यथासंभव बेहतर पालन-पोषण कर सकें. वे कहते हैं कि आपके बच्चे ही आपकी असली संपदा और खज़ाना हैं. वे हमें मूल्यों और आदर्शों के अनुसार बच्चो को पालने का उचित तरीका सीखा रहे हैं, जो बच्चों को अच्छा इंसान बनाने में सहायक होगा और वे ज़िम्मेदार नागरिकों के रूप में जीवन जी सकेंगे. तो आगे बढ़ें और तथाकथित पीढ़ी-अंतराल से ऊपर उठते हुए, अपने बच्चों के साथ मातृ भाव स्थापित करें!
Be the first to review “ACHCHE MATA PITA KAISE BANE (HINDI)” Cancel reply
Description
दादा जे.पी. वासवानी के शब्दों में, ‘घर ही ईश्वर के राज्य का प्रवेश द्वार है, और वही सच्ची प्रसन्नता का राज्य है.’अगर आप भी अपने घर को धरती का स्वर्ग बनाना चाहते हैं, तो दादा आपको इसके लिए राह दिखा रहे हैं. दादा की यह पुस्तक प्रेम, धैर्य, उचित मार्गदर्शन, तथा स्नेहिल अनुशासन को ऐसी योग्यताओं के रूप में प्रकट करती है जिन्हें माता-पिता को अपने भीतर विकसित करना चाहिए ताकि वे अपने बच्चों का यथासंभव बेहतर पालन-पोषण कर सकें. वे कहते हैं कि आपके बच्चे ही आपकी असली संपदा और खज़ाना हैं. वे हमें मूल्यों और आदर्शों के अनुसार बच्चो को पालने का उचित तरीका सीखा रहे हैं, जो बच्चों को अच्छा इंसान बनाने में सहायक होगा और वे ज़िम्मेदार नागरिकों के रूप में जीवन जी सकेंगे. तो आगे बढ़ें और तथाकथित पीढ़ी-अंतराल से ऊपर उठते हुए, अपने बच्चों के साथ मातृ भाव स्थापित करें!
About Author
दादा जे.पी. वासवानी(2 अगस्त 1918 – 12 जुलाई 2018) भारत के प्रख्यात धर्मगुरुओं में शुमार थे। वे पुणे स्थित गैर सरकारी संगठन साधु वासवानी मिशन के प्रमुख थे। यह संस्था उनके गुरु साधु टी.एल. वासवानी द्वारा स्थापित की गई थी, जिसके विश्व भर में कई केंद्र हैं। यह संस्था सामाजिक और परोपकार संबंधी कार्य करती है। इसके अलावा उन्होंने शाकाहार और पशु अधिकारों के प्रचार के क्षेत्र में भी कार्य किया था। वे साक्षात करूणा और विनय की प्रतिमूर्ति थे। जीव मात्र के प्रति उनके मन में अगाध प्रेम था। उन्हें अप्रैल, 1998 में संयुक्त संघ द्वारा ‘यू थांट पींस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था। दादा वासवानी के जन्मदिन को 'फॉरिगवनेस डे' (विश्व माफी दिवस) के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने सेल्फ हेल्प पर 150 किताबें लिखी थीं. उनकी सभी किताबें बेहद सरल शब्दों में लिखी गई हैं. उनमें किसी भी समस्या के निदान की बेहद आसान शब्दों में व्याख्या की गई हैं. किताबों को ऐसे लिखा गया था कि इसे पढ़ने वाले खुद की किसी समस्या का खुद ही समाधान कर सकें. उन्होंने शिकागो में विश्व धर्म संसद और न्यूयॉर्क में विश्व शांति परिषद के सम्मेलनों में भी शिरकत की थीं.
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “ACHCHE MATA PITA KAISE BANE (HINDI)” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Reviews
There are no reviews yet.