Ankur

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Meenu Marshalin
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback

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कविता लेखन वास्तव में एक कठिन कार्य है। कविता को लिखते समय भाषा, भावाभिव्यक्ति, प्रतीकों एवं बिंबों आदि के प्रस्तुतीकरण में सर्वथा नियंत्रण रखना आवश्यक होता है। कविता की कोई सीमा नहीं होती, वह सर्वत्र अपनी सुगंध फैलाती है। कविता की कभी उम्र नहीं ढलती, उसे जब भी पढ़ो, वह हमेशा ताजगी भरी होती है। कवि तो जन-मानस का चितेरा होता है। कोई भी कविता लिखने के लिए उसे कितने नीचे धरातल पर उतरना पड़ता है, ये वही जानता है। कवि की यही विवशता कविता के सृजन के महत्त्व को प्रकट करती है। इस संग्रह में संकलित कविताओं को मोटे तौर पर दो कोटियों में रखा जा सकता है। प्रथम कोटि की कविताएँ, जिनमें प्रकृति, संस्कृति, मनोरंजन की वस्तुएँ तथा आश्चर्यजनक, आख्यानों से संबंधित तथा द्वितीय कोटि में मानवीय उदात्त गुणों का समावेश है, जो राष्ट्रीय भावना, सच्चरित्रता, ईमानदारी एवं सत्यप्रेम आदि मानव गुणों को विकसित कर मानव को सत्यमार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करने में सर्वथा समर्थ हैं। प्रस्तुत संग्रह यदि अपने उद्देश्यों की पूर्ति में तनिक भी सफल रहा, तो मैं अपने प्रयास को सफल समझूँगी तथा निकट भविष्य में अन्य उपयोगी कृतियाँ पाठकों को भेंट करने की चेष्टा करूँगी।.

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Description

कविता लेखन वास्तव में एक कठिन कार्य है। कविता को लिखते समय भाषा, भावाभिव्यक्ति, प्रतीकों एवं बिंबों आदि के प्रस्तुतीकरण में सर्वथा नियंत्रण रखना आवश्यक होता है। कविता की कोई सीमा नहीं होती, वह सर्वत्र अपनी सुगंध फैलाती है। कविता की कभी उम्र नहीं ढलती, उसे जब भी पढ़ो, वह हमेशा ताजगी भरी होती है। कवि तो जन-मानस का चितेरा होता है। कोई भी कविता लिखने के लिए उसे कितने नीचे धरातल पर उतरना पड़ता है, ये वही जानता है। कवि की यही विवशता कविता के सृजन के महत्त्व को प्रकट करती है। इस संग्रह में संकलित कविताओं को मोटे तौर पर दो कोटियों में रखा जा सकता है। प्रथम कोटि की कविताएँ, जिनमें प्रकृति, संस्कृति, मनोरंजन की वस्तुएँ तथा आश्चर्यजनक, आख्यानों से संबंधित तथा द्वितीय कोटि में मानवीय उदात्त गुणों का समावेश है, जो राष्ट्रीय भावना, सच्चरित्रता, ईमानदारी एवं सत्यप्रेम आदि मानव गुणों को विकसित कर मानव को सत्यमार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करने में सर्वथा समर्थ हैं। प्रस्तुत संग्रह यदि अपने उद्देश्यों की पूर्ति में तनिक भी सफल रहा, तो मैं अपने प्रयास को सफल समझूँगी तथा निकट भविष्य में अन्य उपयोगी कृतियाँ पाठकों को भेंट करने की चेष्टा करूँगी।.

About Author

मीनू मार्शलीन का जन्म 3 अक्तूबर, 1989 ई. को पश्चिम चंपारण के बगहा अनुमंडल मुख्यालय में हुआ। बचपन से ही मेधावी छात्रा रह चुकी मीनू ने डी.पी.एस. पटना से दसवीं की परीक्षा पास की। इंडियन पब्लिक स्कूल, मधुबनी से 12वीं की परीक्षा विज्ञान विषय के साथ अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की। बचपन में इन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, पटना द्वारा आयोजित अनेक तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और पुरस्कार भी जीतीं। सोनी चैनल पर प्रसारित होनेवाले कार्यक्रम (Bournvita Quiz Contest) में इन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। पेटिंग तथा नृत्य में भी पुरस्कार मिले हैं, भाषण प्रतियोगिता में भी अपने स्कूल में अव्वल रही हैं तथा लेखन प्रतियोगिता में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है। खेलों में भी इनकी विशेष रुचि है। नवीं कक्षा में ही राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस सम्मेलन में हिस्सा लेने पुणे गईं, वहाँ इनकी मुलाकात हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से हुई, बातचीत की तथा कुशाग्र बुद्धि से वे बहुत प्रभावित हुए। अपनी मोहक बोलने की कला तथा प्रखर बुद्धि से इन्होंने देश-विदेश के अनेक वैज्ञानिकों का दिल जीता।

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