Anusandhan Padhatisastra: Kya, Kyo aur Kaise

Publisher:
Kaveri Books
| Author:
Prasad, Lokesh K
| Language:
English
| Format:
Hardback

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Weight 720 g
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समाज और सामाजिक प्रक्रियाओ को बेहतर समझने के लिए बुद्धिजीवी मनुष्य सामाजिक अनुसंधान में भाग लेते है | मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है | इस कारण उससे अपने समाज एवं आस पास के समाजो की जानकारी तथा समाननुभूति अवश्य होनी चाहिए ताकि एक दूसरे के प्रति और अधिक अछि समाजधारी उसमे उत्तपन्न हो सके | अत: सामाजिक अनुसंधान का विशिस्ट उदेश्य सामाजिक यथार्थ के सभी पक्षो की सारंचनाओं के गतिशील अन्त संबंधो को समझना और उनका विश्लेषण करना है |

प्रस्तुत पुस्तक अनुसंधान पददीतिशास्त्र: क्या, क्यो और कैसे? सभी व्यवसायी जानो के लिए अत्यन्त उपोयोगी है | विशेषत उन अनुसंधानकर्ताओ के लिए अपना भविष्य क्रमिक प्रबंधन, बाज़ार अनुसंधान, व्यवसायिक एवं शेषिक मनोविज्ञान आदि व्यवसाय के रूप मे देख रहे है|

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Description

समाज और सामाजिक प्रक्रियाओ को बेहतर समझने के लिए बुद्धिजीवी मनुष्य सामाजिक अनुसंधान में भाग लेते है | मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है | इस कारण उससे अपने समाज एवं आस पास के समाजो की जानकारी तथा समाननुभूति अवश्य होनी चाहिए ताकि एक दूसरे के प्रति और अधिक अछि समाजधारी उसमे उत्तपन्न हो सके | अत: सामाजिक अनुसंधान का विशिस्ट उदेश्य सामाजिक यथार्थ के सभी पक्षो की सारंचनाओं के गतिशील अन्त संबंधो को समझना और उनका विश्लेषण करना है |

प्रस्तुत पुस्तक अनुसंधान पददीतिशास्त्र: क्या, क्यो और कैसे? सभी व्यवसायी जानो के लिए अत्यन्त उपोयोगी है | विशेषत उन अनुसंधानकर्ताओ के लिए अपना भविष्य क्रमिक प्रबंधन, बाज़ार अनुसंधान, व्यवसायिक एवं शेषिक मनोविज्ञान आदि व्यवसाय के रूप मे देख रहे है|

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