Bharat Vapas Patri Par
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Bibek Debroy; Ashley J. Tellis; Reece Trevor
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
₹600 ₹450
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In stock
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1-4 Days
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Book Type |
---|
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Page Extent:
272
इक्कीसवीं सदी के पहले दशक में भारत ने विकास दर की जिस द्रुत गति को प्राप्त किया था, 2014 आते-आते वह उसमें काफी पिछड़ गया। ऐसी आवश्यकता महसूस की गई कि इस स्थिति को पलटने के लिए नई दिल्ली को विभिन्न प्रकार के विषयों पर अपने नीति संबंधी विकल्पों पर गंभीर चिंतन करना चाहिए। ‘भारत वापस पटरी पर’ काफी हद तक 2014 के आम चुनावों के समय लिखी गई, जब आम जनता के बीच यह चर्चा हो रही थी कि हमारे देश को उच्च विकास के पथ पर फिर से लाने के लिए अगली सरकार को किस प्रकार के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना चाहिए। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टर में नीतियों की सिफारिश के लिए यह भारत के कुछ सबसे कुशल विश्लेषकों को एक मंच पर लेकर आया है। यहाँ सबको मिलाकर संक्षिप्त सुझावों के साथ नीति निर्माताओं और आम लोगों के सामने भारत के भविष्य के लिए एक स्पष्ट खाका पेश किया गया है। कुल मिलाकर यह पुस्तक आशावाद जाग्रत् करती है कि विषमताओं को दूर करके ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र को हृदयंगम कर दूरदर्शी, कठोर व व्यावहारिक निर्णय लेकर वर्तमान केंद्र सरकार ने विकास की पटरी पर भारत को वापस ला खड़ा किया है|
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Description
इक्कीसवीं सदी के पहले दशक में भारत ने विकास दर की जिस द्रुत गति को प्राप्त किया था, 2014 आते-आते वह उसमें काफी पिछड़ गया। ऐसी आवश्यकता महसूस की गई कि इस स्थिति को पलटने के लिए नई दिल्ली को विभिन्न प्रकार के विषयों पर अपने नीति संबंधी विकल्पों पर गंभीर चिंतन करना चाहिए। ‘भारत वापस पटरी पर’ काफी हद तक 2014 के आम चुनावों के समय लिखी गई, जब आम जनता के बीच यह चर्चा हो रही थी कि हमारे देश को उच्च विकास के पथ पर फिर से लाने के लिए अगली सरकार को किस प्रकार के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना चाहिए। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टर में नीतियों की सिफारिश के लिए यह भारत के कुछ सबसे कुशल विश्लेषकों को एक मंच पर लेकर आया है। यहाँ सबको मिलाकर संक्षिप्त सुझावों के साथ नीति निर्माताओं और आम लोगों के सामने भारत के भविष्य के लिए एक स्पष्ट खाका पेश किया गया है। कुल मिलाकर यह पुस्तक आशावाद जाग्रत् करती है कि विषमताओं को दूर करके ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र को हृदयंगम कर दूरदर्शी, कठोर व व्यावहारिक निर्णय लेकर वर्तमान केंद्र सरकार ने विकास की पटरी पर भारत को वापस ला खड़ा किया है|
About Author
विवेक देवराय प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं और वर्तमान में प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के अध्यक्ष तथा भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य हैं। विगत लगभग चालीस वर्षों में उन्होंने देश के शीर्ष, आर्थिक, राजनीतिक व वित्तीय संस्थानों में कार्य किया और अपनी दक्षता से उनकी विकासगाथा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अनेक पुस्तकों का लेखन/संपादन किया है। उनके शोधपत्र तथा लोकप्रिय आलेख अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। वे अनेक समाचार-पत्रों के सलाहकार संपादक भी हैं। * * * एशले जे. टेलिस कारनेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में वरिष्ठ सहयोगी हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा तथा एशियाई रणनीतिक विषयों पर गहरी पकड़ है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय में राजनीतिक मामलों के उप-विदेश मंत्री के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्य करते हुए वह भारत के साथ नागरिक परमाणु समझौते की बातचीत के साथ करीब से जुड़े थे। अमेरिकी विदेश सेवा से जुड़े रहे टेलिस कुशल रणनीतिकार हैं। * * * रीस ट्रेवर कारनेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के साउथ एशिया प्रोग्राम में शोध सहायक हैं। जूनियर फेलो के रूप में वे दक्षिण एशियाई सुरक्षा तथा अमेरिकी व्यापक रणनीति पर कार्यरत रहे। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से ऑनर्स के साथ अपनी बैचलर डिग्री पूरी की|
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