Bharatiya Sainya Patniyon Ki Sahasik Kahaniyan (Hindi Translation of The Force Behind The Forces)

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Swapnil Pandey
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

225

Save: 25%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Weight 220 g
Book Type

SKU:
SKU 9789355217646 Categories , ,
Page Extent:

भारतीय सैन्य बलों के पराक्रमी; शूरवीर, जाँबाज और निर्भीक सैनिक अपना सर्वस्व मातृभूमि पर समर्पित कर देते हैं। होम कर देते हैं अपना यौवन, अपने सपने, ताकि हमारे तिरंगे की आनबान अक्षुण्ण रहे और हमारी सीमाएँ सुरक्षित। पर इनके साथ ही इनका परिवार और स्वयं भी उनकी इस साधना में बराबर के साझेदार होते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में लेखिका ने सात वीर नारियों और उनके परिवारों के जीवन पर प्रकाश डाला है। व्यक्तिगत हानि, घर चलाने की जिम्मेदारी, भविष्य की चिंता, बच्चों के पालन-पोषण जैसी समस्याओं से निपटने और जिंदगी की सच्चाई का सामना करती पत्नियों के चित्रण में काफी कुछ अनूठापन है। वीर नारी को खुद भी यह समझने की जरूरत है कि कैसे उसके छोटे-छोटे बच्चे भविष्य की उन चुनौतियों से निपटेंगे, जिनका उन्हें भान तक नहीं है। सैन्य पत्नियों से भविष्य के लिए मजबूत होने, छोटे बच्चों की देखभाल करने और दयालु होने की अपेक्षा की जाती है। पर अपेक्षाओं का बोझ उठाना आसान नहीं होता है।
एक सैनिक के न रहने पर सैनिक की पत्नियों को किन कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, साथ ही उनके परिवारवालों और समाज को उनके क्या- क्या अपेक्षाएँ होती हैं, इन सब ज्वलंत प्रश्नों पर इस पुस्तक में गंभीरता से विचार किया है।
हमारे बलिदानी सैनिकों की उतनी ही त्यागी पत्नियों के समर्पण, संघर्ष और साहस की प्रेरक गाथा हैं ये कहानियाँ।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bharatiya Sainya Patniyon Ki Sahasik Kahaniyan (Hindi Translation of The Force Behind The Forces)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

भारतीय सैन्य बलों के पराक्रमी; शूरवीर, जाँबाज और निर्भीक सैनिक अपना सर्वस्व मातृभूमि पर समर्पित कर देते हैं। होम कर देते हैं अपना यौवन, अपने सपने, ताकि हमारे तिरंगे की आनबान अक्षुण्ण रहे और हमारी सीमाएँ सुरक्षित। पर इनके साथ ही इनका परिवार और स्वयं भी उनकी इस साधना में बराबर के साझेदार होते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में लेखिका ने सात वीर नारियों और उनके परिवारों के जीवन पर प्रकाश डाला है। व्यक्तिगत हानि, घर चलाने की जिम्मेदारी, भविष्य की चिंता, बच्चों के पालन-पोषण जैसी समस्याओं से निपटने और जिंदगी की सच्चाई का सामना करती पत्नियों के चित्रण में काफी कुछ अनूठापन है। वीर नारी को खुद भी यह समझने की जरूरत है कि कैसे उसके छोटे-छोटे बच्चे भविष्य की उन चुनौतियों से निपटेंगे, जिनका उन्हें भान तक नहीं है। सैन्य पत्नियों से भविष्य के लिए मजबूत होने, छोटे बच्चों की देखभाल करने और दयालु होने की अपेक्षा की जाती है। पर अपेक्षाओं का बोझ उठाना आसान नहीं होता है।
एक सैनिक के न रहने पर सैनिक की पत्नियों को किन कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, साथ ही उनके परिवारवालों और समाज को उनके क्या- क्या अपेक्षाएँ होती हैं, इन सब ज्वलंत प्रश्नों पर इस पुस्तक में गंभीरता से विचार किया है।
हमारे बलिदानी सैनिकों की उतनी ही त्यागी पत्नियों के समर्पण, संघर्ष और साहस की प्रेरक गाथा हैं ये कहानियाँ।

About Author

स्वप्निल पांडेय बड़े पाठक आधारवाली पूर्णकालिक लोकप्रिय लेखिका हैं। उन्हें भारतीय सेना के जीवन की कहानियाँ संकलित करना पसंद है और इससे पहले वे 'सोल्जर्स गर्ल' (2017) और 'लव स्टोरी ऑफ अ कमांडो' (2019) लिख चुकी हैं। फौजी परिवार में तेरह साल पहले स्वप्निल की शादी हुई थी। तभी से देशभर के आर्मी कैंट क्षेत्रों में सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति राष्ट्र की जिम्मेदारी में सचमुच यकीन करने के कारण वे अपने लेखन में बहु-अपेक्षित सैन्य जीवन और उसके संघर्षों की प्रामाणिक झलक असाधारण कहानियों के माध्यम से दिखाने का प्रयास करती हैं। एक पेशेवर ब्लॉगर होने के नाते भी स्वप्निल समाज को प्रभावित करती हैं और उनकी आवाज सैन्य परिवारों के संघर्षों तथा मुददो को प्रकाश में लाने में असरकारी साबित हुई है। स्वप्निल बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा की पूर्व छात्रा हैं और विप्रो तथा एच.डी.एफ.सी. जैसे संगठनों में काम कर चुकी हैं। उन्होंने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और आर्मी पब्लिक स्कूल जैसी संस्थाओं में भी पढ़ाया है। उनके ब्लॉग girlandworld.com पर पढ़ सकते हैं; उनसे teamgirlandworld@gmail.com के जरिए संपर्क कर सकते हैं। नीचे दिए गए प्लेटफार्मो पर उनके सोशल मीडिया परिवार में शामिल हो सकते हैं ट्विटर : @swapy6 फेसबुक : Author Swapnil Pandey इंस्टाग्राम : swapnil_pandey_author

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bharatiya Sainya Patniyon Ki Sahasik Kahaniyan (Hindi Translation of The Force Behind The Forces)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED