Bharatvarsh ke 32 Tirth Sthal (hindi) mph
Publisher:
MANJUL
| Author:
DEVDUTT PATTNAIK
| Language:
English
| Format:
Paperback
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Weight | 227 g |
---|---|
Book Type |
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Category: Self Help
Page Extent:
230
राष्ट्रवादियों तथा देशभक्तों से पूर्व, उपनिवेशवादियों और आक्रमणकारियों से पूर्व, और सम्राटों व राजाओं से पूर्व, भारत तीर्थ मार्गों से आपस में जुड़ा था। जिज्ञासु और ॠषि-मुनि अप्राकृतिक सीमाओं की उपेक्षा करते हुए, ईश्वर की चाह और खोज में उत्तर और दक्षिण, पूर्व और पश्चिम, पर्वतों से परे, नदियों के साथ-साथ यात्राएँ किया करते थे। विख्यात पौराणिक कथा विशेषज्ञ देवदत्त पट्टनायक हमें 32 पवित्र स्थलों की अंतर्द़ृष्टि से भरपूर यात्रा पर ले जाते हैं, जहाँ प्राचीन और आधुनिक इष्ट उस भूमि के जटिल और परतदार इतिहास, भूगोल और कल्पना को प्रकट करते हैं, जिसे कभी ‘भारतीय फल काली अंची के द्वीप’ (जंबूद्वीप), ‘नदियों की भूमि’ (संस्कृत में सिंधुस्थल अथवा फ़ारसी में हिंदुस्तान), ‘राजा भरत का विस्तार’ (भारतवर्ष अथवा भारतखंड) और यहाँ तक कि ‘सुख के धाम’ (चीनियों के लिए सुखावती) के नाम से जाना जाता था।
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Description
राष्ट्रवादियों तथा देशभक्तों से पूर्व, उपनिवेशवादियों और आक्रमणकारियों से पूर्व, और सम्राटों व राजाओं से पूर्व, भारत तीर्थ मार्गों से आपस में जुड़ा था। जिज्ञासु और ॠषि-मुनि अप्राकृतिक सीमाओं की उपेक्षा करते हुए, ईश्वर की चाह और खोज में उत्तर और दक्षिण, पूर्व और पश्चिम, पर्वतों से परे, नदियों के साथ-साथ यात्राएँ किया करते थे। विख्यात पौराणिक कथा विशेषज्ञ देवदत्त पट्टनायक हमें 32 पवित्र स्थलों की अंतर्द़ृष्टि से भरपूर यात्रा पर ले जाते हैं, जहाँ प्राचीन और आधुनिक इष्ट उस भूमि के जटिल और परतदार इतिहास, भूगोल और कल्पना को प्रकट करते हैं, जिसे कभी ‘भारतीय फल काली अंची के द्वीप’ (जंबूद्वीप), ‘नदियों की भूमि’ (संस्कृत में सिंधुस्थल अथवा फ़ारसी में हिंदुस्तान), ‘राजा भरत का विस्तार’ (भारतवर्ष अथवा भारतखंड) और यहाँ तक कि ‘सुख के धाम’ (चीनियों के लिए सुखावती) के नाम से जाना जाता था।
About Author
देवदत्त पट्टनायक आधुनिक समय में पौराणिक कथाओं की प्रासंगिकता पर लेखन व चित्रांकन करते हैं तथा व्याख्यान देते हैं। वे 1996 से इस विषय पर पचास से अधिक पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं और एक हज़ार के लगभग लेख लिख चुके हैं, कि किस प्रकार संसार भर में कथाएँ, प्रतीक व अनुष्ठान प्राचीन व आधुनिक संस्कृतियों के आत्मपरक सत्य रचते हैं। उनकी प्रमुख पुस्तकों में शामिल हैं : 'बिज़नेस सूत्र', 'सक्सेस सूत्र', 'टैलेंट सूत्र' और 'लीडरशिप सूत्र'। वे विभिन्न कार्पोरेशंस को नेतृत्व और प्रशासन के विषय में परामर्श देते हैं और टी.वी. चैनलों पर पौराणिकता पर आधारित धारावाहिकों में भी परामर्शदाता के रूप में सक्रिय हैं। उनके टी.वी. शोज़ में शामिल हैं : 'बिज़नेस सूत्र' - (सीएनबीसी-टी.वी. 18) व 'देवलोक' (एपिक चैनल)। रेडियो मिर्ची पर द देवदत्त पट्टनायक शो भी प्रसारित होता है। उनके विषय में अधिक जानने के लिए देखें : devdutt.com
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