बिपिन : यूनिफॉर्म के पीछे की शक्सियत | Bipin

Publisher:
Penguin Swadesh
| Author:
Rachna Bisht Rawat
| Language:
Hindi
| Format:
Papeback

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288

बिपिन; यूनिफॉर्म के पीछे की शक्सियत उस एनडी ए कैडेट की कहानी है जिसे स्विमिंग पूल में अनिवार्य जंप नहीं कर पाने के लिए दंडित किया गया; उस नौ जवान सेकंड लेफ्टिनेंट की कहानी है जिसका आई कार्ड अमृतसर रेलवे स्टेशन पर नकली सहायक बनकर आए 5/11 गोरखा राइफल्स के एक ऑफिसर ने चुराया; उस मेजर की कहानी है जो पैर पर प्लास्टर चढ़े होने के बाद भी पाकिस्तान सीमा पर, दुश्मन की नाक के नीचे अपने सैनिकों के साथ दशहरा मनाने चौकी पर जा पहुँचा; उस सेना प्रमुख की कहानी है जिसने फैसला लिया कि भारत सीमा-पार आतंकवाद की हर हरकत का खुलकर जवाब देगा; उस चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की कहानी है जिससे सबसे ज़्यादा खुशी तब मिलती थी जब वह गोरखा सैनिकों के साथ झामरेडांस करता; और उस शख्स के एक स्तब्ध कर देने वाले अंत की कहानी भी है जो रक्षा सेवाओं में बड़ी तेज़ी से ऊँचा ईतक पहुँचा।

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Description

बिपिन; यूनिफॉर्म के पीछे की शक्सियत उस एनडी ए कैडेट की कहानी है जिसे स्विमिंग पूल में अनिवार्य जंप नहीं कर पाने के लिए दंडित किया गया; उस नौ जवान सेकंड लेफ्टिनेंट की कहानी है जिसका आई कार्ड अमृतसर रेलवे स्टेशन पर नकली सहायक बनकर आए 5/11 गोरखा राइफल्स के एक ऑफिसर ने चुराया; उस मेजर की कहानी है जो पैर पर प्लास्टर चढ़े होने के बाद भी पाकिस्तान सीमा पर, दुश्मन की नाक के नीचे अपने सैनिकों के साथ दशहरा मनाने चौकी पर जा पहुँचा; उस सेना प्रमुख की कहानी है जिसने फैसला लिया कि भारत सीमा-पार आतंकवाद की हर हरकत का खुलकर जवाब देगा; उस चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की कहानी है जिससे सबसे ज़्यादा खुशी तब मिलती थी जब वह गोरखा सैनिकों के साथ झामरेडांस करता; और उस शख्स के एक स्तब्ध कर देने वाले अंत की कहानी भी है जो रक्षा सेवाओं में बड़ी तेज़ी से ऊँचा ईतक पहुँचा।

About Author

रचना बिष्ट रावत पेंगुइन रैंडम इंडिया से प्रकाशित सात पुस्तकों की लेखिका हैं, जिनमें "द ब्रेव और करगिल शामिल हैं। वह गुरुग्राम में चमकती ली आँखों और झबरी पूँछ वाले गोल्डेन रेट्रिवर, हुकुम, किताबें और म्यूज़िक कलेक्शन, और कर्नल मनोज रावत के साथ रहती हैं; जिनसे उनकी मुलाक़ात तब हुई थी जब वह इंडियन मिलिटरी एकेडमी में एक जेंटलमेन कैडेट थे और जिन्होंने आजीवन उनका कॉमरेड रहने की इच्छा जताई। बीच-बीच में, होशियार सारंश भी आ जाया करता है, जो अपनी दुनिया की तलाश में बहर निकल पड़ा है।

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