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Chekhov Ki Lokpriya Kahaniyan
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Anton Chekhov
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
₹350 ₹263
Save: 25%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
SKU:
Categories: General Fiction, Hindi
Page Extent:
184
चेखव संसार के श्रेष्ठ कहानीकारों में से हैं। उन्होंने अपनी कला को चमत्कारी बनाने के लिए न तो अनोखी घटनाएँ ढूँढ़ीं हैं; न अनूठे पात्रों की सृष्टि की है। उनके पात्र ऐसे हैं; जिनसे अपने नित्य प्रति के जीवन में हम अकसर मिलते हैं। खासतौर से उच्च वर्गों के आडंबरपूर्ण जीवन में; उनके बनावटी शिष्टाचार के नीचे मानव-हृदय को घुटते-कराहते देखा है। उनका तीखा व्यंग्य इस संस्कृति की हृदयहीनता को नश्तर की तरह चीरता चला जाता है। दु:खी लोगों के लिए उनके हृदय में करुणा है; व्यंग्य का नश्तर उनके लिए नहीं है।
चेखव की कहानियाँ पढ़कर हम अपने चारों तरफ के जीवन को नई नजर से देखते हैं। सामाजिक जीवन के काम हमें बहुधा अपने चारों ओर होनेवाली करुण घटनाओं के प्रति अचेत कर देते हैं; हमारी जागरूकता बहुधा कुंद हो जाती है। चेखव इस जागरूकता को तीव्र करते हैं; हमारी कुंद होती हुई सहृदयता को सचेत करते हैं; उन छोटी-छोटी बातों की तरफ ध्यान देना सिखाते हैं; जिनके होने-न-होने पर मनुष्य का सुख-दु:ख निर्भर करता है।
अत्यंत हृदयस्पर्शी मार्मिक कहानियाँ।
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Kahaniyan” Cancel reply
Description
चेखव संसार के श्रेष्ठ कहानीकारों में से हैं। उन्होंने अपनी कला को चमत्कारी बनाने के लिए न तो अनोखी घटनाएँ ढूँढ़ीं हैं; न अनूठे पात्रों की सृष्टि की है। उनके पात्र ऐसे हैं; जिनसे अपने नित्य प्रति के जीवन में हम अकसर मिलते हैं। खासतौर से उच्च वर्गों के आडंबरपूर्ण जीवन में; उनके बनावटी शिष्टाचार के नीचे मानव-हृदय को घुटते-कराहते देखा है। उनका तीखा व्यंग्य इस संस्कृति की हृदयहीनता को नश्तर की तरह चीरता चला जाता है। दु:खी लोगों के लिए उनके हृदय में करुणा है; व्यंग्य का नश्तर उनके लिए नहीं है।
चेखव की कहानियाँ पढ़कर हम अपने चारों तरफ के जीवन को नई नजर से देखते हैं। सामाजिक जीवन के काम हमें बहुधा अपने चारों ओर होनेवाली करुण घटनाओं के प्रति अचेत कर देते हैं; हमारी जागरूकता बहुधा कुंद हो जाती है। चेखव इस जागरूकता को तीव्र करते हैं; हमारी कुंद होती हुई सहृदयता को सचेत करते हैं; उन छोटी-छोटी बातों की तरफ ध्यान देना सिखाते हैं; जिनके होने-न-होने पर मनुष्य का सुख-दु:ख निर्भर करता है।
अत्यंत हृदयस्पर्शी मार्मिक कहानियाँ।
About Author
रूसी कथाकार और नाटककार आंतोन चेखव का जन्म दक्षिण रूस के तगानरोग में 29 जनवरी, 1860 को हुआ। 1879 से 1884 तक चेखव ने मॉस्को के मेडिकल कॉलेज में शिक्षा पूरी की और डॉटरी करने लगे। 1880 में उनकी पहली कहानी प्रकाशित हुई और 1884 में उनका प्रथम कहानी-संग्रह प्रकाशित हुआ। 1886 में ‘रंग-बिरंगी कहानियाँ’ नामक संग्रह प्रकाशित हुआ और 1887 में पहला नाटक ‘इवानव’। चेखव ने सैकड़ों कहानियाँ लिखीं। उनमें सामाजिक कुरीतियों का व्यंग्यात्मक चित्रण किया गया है। अपने लघु उपन्यासों ‘सुख’ (1887), ‘बाँसुरी’ (1887) और ‘स्टेप’ (1888) में मातृभूमि और जनता के लिए सुख के विषय मुय हैं। ‘तीन बहनें’ (1900) नाटक में सामाजिक परिवर्तनों की आवश्यकता की झलक मिलती है। ‘किसान’ (1897) लघु उपन्यास में जार कालीन रूस के गाँवों की दु:खप्रद कहानी प्रस्तुत की गई है। उपन्यास-सम्राट् मुंशी प्रेमचंद के अनुसार ‘चेखव संसार के सर्वश्रेष्ठ कहानी लेखक’ हैं। उनकी कहानियों पर अनेक चलचित्र बनाए गए। उनकी कृतियाँ 71 भाषाओं में प्रकाशित हुई हैं। 1902 में उन्हें ‘सम्मानित अकादमीशियन’ की उपाधि मिली। स्मृतिशेष: 15 जुलाई
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