SaleHardback
Desh, Samaj aur Sanskriti
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Dr. Chandar Sonane
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
₹500 ₹375
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1-4 Days
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Book Type |
---|
SKU:
Categories: Hindi, Social/Cultural
Page Extent:
272
चंदर सोनाने की इस पुस्तक के लेख अखबार में लिखे गए नियमित स्तंभ का हिस्सा रहे हैं। अखबार के लिए नियमित लिखना एक कठिन और चुनौती भरा काम है। नित नया और विचारोत्तजक लिखना दायित्व और विवशता दोनों हैं। चंदर सोनाने ने इसके लिए बहुत श्रम किया है। अपने लेखन को रोचक बनाने के साथ ही चंदर ने उसे सामाजिक सरोकारों से भी जोड़ा है; चाहे वे स्थानीय मुद्दे हों या अखिल भारतीय या विश्व समाज के; उन्हें उसी दायित्व-बोध के साथ सहजता से लिखा है।
चंदर के ये लेख महज एक शहर या देश के बदलाव के संकेत नहीं हैं; बल्कि साथ ही मीडिया और उसकी भाषा के बदलाव पर भी परोक्ष केंद्रित होते हैं। समाज में जिस तरह के बदलाव आ रहे हैं; सूचना और संचार माध्यम उसे किस तरह प्रभावित कर रहे हैं; साथ ही इन सबके नकारात्मक प्रभाव की समझ के साथ ये लेख अपने समय और समाज को कुछ इस तरह प्रस्तुत करते हैं कि उसके सामाजिक; सांस्कृतिक और आर्थिक विश्लेषणों की जरूरत पर स्पेस भी बनाते हैं।
इन लेखों में स्थानीयता की झलक के साथ समूचे सामाजिक; सांस्कृतिक; और राजनीतिक परिवेश की विसंगतियों की झलक भी है।
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Sanskriti” Cancel reply
Description
चंदर सोनाने की इस पुस्तक के लेख अखबार में लिखे गए नियमित स्तंभ का हिस्सा रहे हैं। अखबार के लिए नियमित लिखना एक कठिन और चुनौती भरा काम है। नित नया और विचारोत्तजक लिखना दायित्व और विवशता दोनों हैं। चंदर सोनाने ने इसके लिए बहुत श्रम किया है। अपने लेखन को रोचक बनाने के साथ ही चंदर ने उसे सामाजिक सरोकारों से भी जोड़ा है; चाहे वे स्थानीय मुद्दे हों या अखिल भारतीय या विश्व समाज के; उन्हें उसी दायित्व-बोध के साथ सहजता से लिखा है।
चंदर के ये लेख महज एक शहर या देश के बदलाव के संकेत नहीं हैं; बल्कि साथ ही मीडिया और उसकी भाषा के बदलाव पर भी परोक्ष केंद्रित होते हैं। समाज में जिस तरह के बदलाव आ रहे हैं; सूचना और संचार माध्यम उसे किस तरह प्रभावित कर रहे हैं; साथ ही इन सबके नकारात्मक प्रभाव की समझ के साथ ये लेख अपने समय और समाज को कुछ इस तरह प्रस्तुत करते हैं कि उसके सामाजिक; सांस्कृतिक और आर्थिक विश्लेषणों की जरूरत पर स्पेस भी बनाते हैं।
इन लेखों में स्थानीयता की झलक के साथ समूचे सामाजिक; सांस्कृतिक; और राजनीतिक परिवेश की विसंगतियों की झलक भी है।
About Author
01 दिसंबर, 1953 को धार (म.प्र.) में जनमे डॉ. चंदर सोनाने ने हिंदी साहित्य में प्रथम श्रेणी में एम.ए. किया है। साथ ही बी.एड. एवं सुप्रसिद्ध लेखक श्री हिमांशु जोशी के रचना कर्म पर पी-एच.डी. की है।
प्रदेश के प्रतिष्ठित विभिन्न समाचार पत्रों में समसामयिक विषयों पर निरंतर लेखन तथा पुस्तक ‘पर्वतों का अंत : संगीत’ प्रकाशित। प्रतिष्ठित साहित्यिक मासिक पत्रिका ‘कथादेश’ की अखिल भारतीय हिंदी लघुकथा प्रतियोगिता वर्ष 2010 में लघुकथा ‘कुत्ता’ पुरस्कृत। आकाशवाणी इंदौर से करीब एक दशक तक ‘जिले की चिट्ठी’ तथा पतित पावन शिप्रा नदी एवं उज्जैन पर केंद्रित एक रूपक ‘उज्जयिनी’ का प्रसारण।
जनसंपर्क विभाग भोपाल में संयुक्त संचालक के पद पर अनेक वर्षों तक कार्य पश्चात् माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल में कुलसचिव के पद पर चार वर्षों तक कार्य किया।
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