Ek Gadhe Ki Atma Katha(Penguin)

Publisher:
Penguin (H)
| Author:
Krishan Chandra
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

225

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SKU 9789353490133 Category
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320

ये एक ही पुस्तक में तीन व्यंग्य उपन्यास हैं। पहला उपन्यास ‘एक गधे की आत्मकथा’ है। यह अलग बात है कि इसे लिखा है प्रसिद्ध व्यंग्यकार-कथाकार कृश्न चन्दर ने। दरअसल कृश्न चन्दर ने एक गधे के माध्यम से वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक विसंगतियों और लोगों की मनोवृत्तियों पर गहरा प्रहार किया है। उनका व्यंग्य पैना, तीखा और कचोटने वाला है। आत्मकथा के दूसरे खंड ‘एक गधे की वापसी’ में गधे ने जहाँ बड़े-बड़े नेताओं से भेंट की, वहीं वह सेठ भी आया। इसी बीच वह आशिक भी बन बैठा। इस तरह साहूकारों के संपर्क में-तीसरे खंड में ‘एक गधे की वापसी’ धमाकेदार रही|

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Description

ये एक ही पुस्तक में तीन व्यंग्य उपन्यास हैं। पहला उपन्यास ‘एक गधे की आत्मकथा’ है। यह अलग बात है कि इसे लिखा है प्रसिद्ध व्यंग्यकार-कथाकार कृश्न चन्दर ने। दरअसल कृश्न चन्दर ने एक गधे के माध्यम से वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक विसंगतियों और लोगों की मनोवृत्तियों पर गहरा प्रहार किया है। उनका व्यंग्य पैना, तीखा और कचोटने वाला है। आत्मकथा के दूसरे खंड ‘एक गधे की वापसी’ में गधे ने जहाँ बड़े-बड़े नेताओं से भेंट की, वहीं वह सेठ भी आया। इसी बीच वह आशिक भी बन बैठा। इस तरह साहूकारों के संपर्क में-तीसरे खंड में ‘एक गधे की वापसी’ धमाकेदार रही|

About Author

कृश्न चन्दर उर्दू के मशहूर अ़फसानानिग़ार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा सन 1969 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। एक गधे की आत्मकथा, एक गधा नेफ़ा में, एक गधे की वापसी, एक वायलिन समुंदर के किनारे, तूफ़ान की कलियाँ, कार्निवाल, यादों के चिनार, मिट्टी के सनम, रेत का महल, कागज़ की नाव, दिल दौलत और दुनिया, प्यासी धरती प्यासे लोग, जामुन का पेड़ आदि उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। उनके साहित्य को भारत की लगभग हरेक भाषा में अनूदित किया जा चुका है|

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