HAR LAMHA EK UPHAAR (HINDI)

Publisher:
MANJUL
| Author:
EDITH EGER
| Language:
English
| Format:
Paperback

269

Save: 10%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Weight 213 g
Book Type

SKU:
SKU 9789391242022 Category Tag
Category:
Page Extent:
162

कैद आपके दिमाग में होती है। चाबी आपकी जेब में है। अंत में, यह बहुत मायने नहीं रखता कि हमारे साथ क्या हुआ था – बल्कि मायने यह रखता है कि हम इसके साथ क्या करना पसंद करते हैं। हम सभी उदासी, नुकसान, निराशा, भय, व्यग्रता, विफलता जैसी परेशानियों का सामना करते हैं। लेकिन हमारे पास चुनने का विकल्प होता है – सदमा लगने या कठिनाइयों का सामना होने पर उनसे प्रभावित हो जाएँ अथवा हर क्षण एक उपहार की तरह जिएँ। जानी-मानी चिकित्सक और विश्व-युद्ध के नरसंहार में जीवित बचीं डॉ. ईडिथ ईगर हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं जो हमें ऐसे विचारों और विनाशकारी व्यवहार को बदलने के लिए प्रोत्साहित करता है जो हमें सकारात्मक दिशा में जाने से रोक रहे हैं। ईगर अपनी ज़िंदगी और अपने मरीज़ों के जीवन से संबंधित कहानियों के प्रभावशाली सबकों द्बारा आपके जीवन के अंधेरे पलों को एक महान शिक्षक के रूप में अपनाने तथा हमारी अंतर्निहित ताक़त से मिलने वाली आज़ादी पाने में मदद करती हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “HAR LAMHA EK UPHAAR (HINDI)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

कैद आपके दिमाग में होती है। चाबी आपकी जेब में है। अंत में, यह बहुत मायने नहीं रखता कि हमारे साथ क्या हुआ था – बल्कि मायने यह रखता है कि हम इसके साथ क्या करना पसंद करते हैं। हम सभी उदासी, नुकसान, निराशा, भय, व्यग्रता, विफलता जैसी परेशानियों का सामना करते हैं। लेकिन हमारे पास चुनने का विकल्प होता है – सदमा लगने या कठिनाइयों का सामना होने पर उनसे प्रभावित हो जाएँ अथवा हर क्षण एक उपहार की तरह जिएँ। जानी-मानी चिकित्सक और विश्व-युद्ध के नरसंहार में जीवित बचीं डॉ. ईडिथ ईगर हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं जो हमें ऐसे विचारों और विनाशकारी व्यवहार को बदलने के लिए प्रोत्साहित करता है जो हमें सकारात्मक दिशा में जाने से रोक रहे हैं। ईगर अपनी ज़िंदगी और अपने मरीज़ों के जीवन से संबंधित कहानियों के प्रभावशाली सबकों द्बारा आपके जीवन के अंधेरे पलों को एक महान शिक्षक के रूप में अपनाने तथा हमारी अंतर्निहित ताक़त से मिलने वाली आज़ादी पाने में मदद करती हैं।

About Author

प्रतिष्ठित मनोचिकित्सक और विश्व-युद्ध के नरसंहार में जीवित बचे कुछ लोगों में से एक डॉ.ईडिथ ईगर वयोवृद्ध होने के बावजूद शिविरों में बिताई ज़िंदगी को याद करती हैं। उन्होंने कई वृद्घ व्यक्तियों, सैन्यकर्मियों तथा शारीरिक व मानसिक सदमा झेलने वाले पीड़ितों के साथ काम किया है। वे कैलिफ़ोर्निया के ला जोला में रहती हैं। वे न्यू यॉर्क टाइम्स की बेस्ट सेलर व पुरस्कार विजेता पुस्तक द चॉइस की लेखिका हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “HAR LAMHA EK UPHAAR (HINDI)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED