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₹1,000 ₹750
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Hathyoga : Swaroop evam Sadhna
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Yogi Adityanath
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
₹300 ₹225
Save: 25%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Weight | 358 g |
---|---|
Book Type |
SKU:
Page Extent:
174
योग-साधना के संबंध में आज भी बहुत सी भ्रांत धारणाएँ जन-साधारण के बीच प्रचलित हैं। आम जन-मानस योग का संबंध विरक्त साधु-संन्यासियों के उपयोग तक ही सीमित मानता है। इसी प्रकार हठयोग के संबंध में भी जन-साधारण में यही भ्रांत धारणा है कि ‘हठयोग’ का अर्थ हठात् अर्थात् हठ (विशेष आग्रह) पूर्वक योगाभ्यास करने से है। योग तथा हठयोग से संबंधित इन सभी भ्रांत धाराणाओं को निर्मूल सिद्ध करने तथा इनसे संबंधित सभी आवश्यक तथ्यों और तत्त्वों से जन-साधारण को अवगत कराने की दृष्टि से इस पुस्तक का विशेष महत्त्व है। आशा है कि योग-जिज्ञासु गण इस कृति के माध्यम से हठयोग साधना के विभिन्न विषयों को आसानी से समझ सकेंगे। योग-साधना संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए हमारे ऋषियों-महर्षियों और महान् योगियों द्वारा प्रचारित विशिष्ट रसायन है, जिसका सेवन हर देश, काल, जाति, लिंग, वर्ण, समुदाय, संप्रदाय एवं पंथ के लोगों के लिए सुलभ और उपादेय है।.
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evam Sadhna” Cancel reply
Description
योग-साधना के संबंध में आज भी बहुत सी भ्रांत धारणाएँ जन-साधारण के बीच प्रचलित हैं। आम जन-मानस योग का संबंध विरक्त साधु-संन्यासियों के उपयोग तक ही सीमित मानता है। इसी प्रकार हठयोग के संबंध में भी जन-साधारण में यही भ्रांत धारणा है कि ‘हठयोग’ का अर्थ हठात् अर्थात् हठ (विशेष आग्रह) पूर्वक योगाभ्यास करने से है। योग तथा हठयोग से संबंधित इन सभी भ्रांत धाराणाओं को निर्मूल सिद्ध करने तथा इनसे संबंधित सभी आवश्यक तथ्यों और तत्त्वों से जन-साधारण को अवगत कराने की दृष्टि से इस पुस्तक का विशेष महत्त्व है। आशा है कि योग-जिज्ञासु गण इस कृति के माध्यम से हठयोग साधना के विभिन्न विषयों को आसानी से समझ सकेंगे। योग-साधना संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए हमारे ऋषियों-महर्षियों और महान् योगियों द्वारा प्रचारित विशिष्ट रसायन है, जिसका सेवन हर देश, काल, जाति, लिंग, वर्ण, समुदाय, संप्रदाय एवं पंथ के लोगों के लिए सुलभ और उपादेय है।.
About Author
महंत योगी आदित्यनाथ महायोगी गुरु गोरक्षनाथ द्वारा प्रवर्तित नाथ पंथ की सर्वोच्च पीठ श्रीगोरखनाथ मंदिर गोरखपुर के पीठाधीश्वर महंत हैं। अनेक सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और लोक कल्याणकारी अभियानों के संचालक हैं। हिंदी मासिक पत्रिका ‘योगवाणी’ के प्रधान संपादक हैं। अपने लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं अभियानों के कारण विगत पाँच बार से लगातार गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से संसद् सदस्य भी हैं। भारतीय संस्कृति एवं साधना के योग्य साधक हैं। योग-दर्शन एवं हिंदुत्व के राष्ट्रवादी अभियान में विशेष अभिरुचि होने के कारण इन्होंने अपनी लेखनी से कुछ कृतियों का सूत्रपात किया है। इन कृतियों में जो लोकप्रिय हैं, वे इस प्रकार हैं—‘हठयोग: स्वरूप एवं साधना’, ‘हिंदू राष्ट्र नेपाल: अतीत वर्तमान एवं भविष्य’, ‘राजयोग: स्वरूप एवं साधना’।.
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