Namak Kaa Daroga

Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
Munshi Premchand
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

279

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Book Type

Page Extent:
44

नमक का दारोग़ा एक ऐसे कर्तव्यनिष्ठ सिपाही मुंशीधर की कथा है, जिसे अलोपीदीन ने हजारों रूपए की रिश्वत की पेशकश की, लेकिन पिताजी के उपदेशों से प्रभावित इस युवक ने रिश्वत लेने से मना कर प्रतिष्ठित व्यक्ति को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। इसी के साथ इस संग्रह में प्रेमचंद की अन्य कुछ कहानियां भी दी गई हैं, जो प्रेरक, रोचक, मनोरंजक और अनुकरणी हैं।.

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Description

नमक का दारोग़ा एक ऐसे कर्तव्यनिष्ठ सिपाही मुंशीधर की कथा है, जिसे अलोपीदीन ने हजारों रूपए की रिश्वत की पेशकश की, लेकिन पिताजी के उपदेशों से प्रभावित इस युवक ने रिश्वत लेने से मना कर प्रतिष्ठित व्यक्ति को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। इसी के साथ इस संग्रह में प्रेमचंद की अन्य कुछ कहानियां भी दी गई हैं, जो प्रेरक, रोचक, मनोरंजक और अनुकरणी हैं।.

About Author

मुंशी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव, प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया।.

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