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A History of South India for Children
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Pratigya
Publisher:
Rajpal & Sons
| Author:
Munshi Premchand
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹150 ₹135
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Page Extent:
131
प्रेमचंद हिन्दी साहित्य जगत के सम्राट कहे जाते हैं। उन्होंने अपनी सरल और भावनात्मक लेखन शैली से हिन्दी साहित्य को अपना अतुलनीय योगदान दिया है। उनके द्वारा दो सौ से अधिक कहानियाँ, अनेक उपन्यास और अनेकों लेख लिखे गए। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में उपस्थित कुरीतियों, रूढ़ियों और नारी के प्रति बढ़ते अत्याचार को जग-उजागर किया है। प्रेमचंद की रचनाओं में समाज के प्रत्येक उपेक्षित वर्ग को स्थान मिला है। उनके पात्र अपने वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में चित्रित होते हैं। प्रेमचंद की प्रत्येक रचना अपने पाठकों को सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित करती है।
यह उपन्यास एक ऐसी विधवा स्त्री की मार्मिक एवं भावनात्मक परिस्थितियों का सजीव चित्रण प्रस्तुत करता है, जो विषम परिस्थितियों में समाज में उपस्थित, मनुष्य रूपी भेड़ियों से अपने आप को सुरक्षित रखने की कोशिश में है।
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Description
प्रेमचंद हिन्दी साहित्य जगत के सम्राट कहे जाते हैं। उन्होंने अपनी सरल और भावनात्मक लेखन शैली से हिन्दी साहित्य को अपना अतुलनीय योगदान दिया है। उनके द्वारा दो सौ से अधिक कहानियाँ, अनेक उपन्यास और अनेकों लेख लिखे गए। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में उपस्थित कुरीतियों, रूढ़ियों और नारी के प्रति बढ़ते अत्याचार को जग-उजागर किया है। प्रेमचंद की रचनाओं में समाज के प्रत्येक उपेक्षित वर्ग को स्थान मिला है। उनके पात्र अपने वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में चित्रित होते हैं। प्रेमचंद की प्रत्येक रचना अपने पाठकों को सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित करती है।
यह उपन्यास एक ऐसी विधवा स्त्री की मार्मिक एवं भावनात्मक परिस्थितियों का सजीव चित्रण प्रस्तुत करता है, जो विषम परिस्थितियों में समाज में उपस्थित, मनुष्य रूपी भेड़ियों से अपने आप को सुरक्षित रखने की कोशिश में है।
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