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Prayojanmoolak Hindi
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Prayojanmoolak Hindi : Siddhant Aur Prayog
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Prayojanmoolak Hindi
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
Dr.Vinod Godre
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹240 ₹120
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In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Category: Hindi
Page Extent:
216
राजभाषा हिन्दी का व्यवहार क्षेत्र निरन्तर व्यापक हो रहा है। अब यह कहानी, उपन्यास, नाटक जैसी रचनात्मक विधाओं का माध्यम होने के साथ-साथ प्रशासन, विधि, शिक्षा, पत्रकारिता, विज्ञान आदि विभिन्न क्षेत्रों में अभिव्यक्ति का माध्यम बनती जा रही है।
प्रस्तुत पुस्तक में जहाँ प्रयोजनमूलक हिन्दी के अर्थ, आशय, स्वरूप तथा प्रयोग को स्पष्ट किया गया है, वहीं दूसरी ओर राजभाषा के रूप में हिन्दी के निरन्तर संघर्ष और उसकी अन्तिम परिणति को भी ऐतिहासिक सन्दर्भों में विश्लेषित किया गया है। इसमें आलेखन, टिप्पण, प्रशासनिक पत्राचार, अनुवाद-कला तथा पारिभाषिक शब्दावली के निर्धारण एवं निर्माण की प्रक्रिया के साथ-साथ विज्ञापन क्षेत्र में शब्द की स्थिति और महत्ता पर प्रकाश डाला गया है और बताया गया है विभिन्न विज्ञापन अभिकरणों के मूल विज्ञापन हिन्दी में तैयार करने में किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है-इसका भी समाधान प्रस्तुत किया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुम्बई द्वारा सम्मानित हुई है।
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Description
राजभाषा हिन्दी का व्यवहार क्षेत्र निरन्तर व्यापक हो रहा है। अब यह कहानी, उपन्यास, नाटक जैसी रचनात्मक विधाओं का माध्यम होने के साथ-साथ प्रशासन, विधि, शिक्षा, पत्रकारिता, विज्ञान आदि विभिन्न क्षेत्रों में अभिव्यक्ति का माध्यम बनती जा रही है।
प्रस्तुत पुस्तक में जहाँ प्रयोजनमूलक हिन्दी के अर्थ, आशय, स्वरूप तथा प्रयोग को स्पष्ट किया गया है, वहीं दूसरी ओर राजभाषा के रूप में हिन्दी के निरन्तर संघर्ष और उसकी अन्तिम परिणति को भी ऐतिहासिक सन्दर्भों में विश्लेषित किया गया है। इसमें आलेखन, टिप्पण, प्रशासनिक पत्राचार, अनुवाद-कला तथा पारिभाषिक शब्दावली के निर्धारण एवं निर्माण की प्रक्रिया के साथ-साथ विज्ञापन क्षेत्र में शब्द की स्थिति और महत्ता पर प्रकाश डाला गया है और बताया गया है विभिन्न विज्ञापन अभिकरणों के मूल विज्ञापन हिन्दी में तैयार करने में किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है-इसका भी समाधान प्रस्तुत किया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुम्बई द्वारा सम्मानित हुई है।
About Author
विनोद गोदरेजन्म : 15 अगस्त, 1941, रहली (सागर) म.प्र. ।शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी. ।प्रकाशित कृतियाँ :शोध एवं समीक्षा : 1. छायावादोत्तर हिन्दी प्रगीत; 2. सोच और सरोकार, 3. समकालीन हिन्दी साहित्य : विविध परिदृश्य; 4. प्रयोजनमूलक हिन्दी |कविता संग्रह : 1. आशीर्वाद से बचो; 2. दरबार बर्खास्त करते हुए; 3. खुद को टटोलते; 4. कविता, सम्भावना, राजधानी के कवि कविता संग्रहों के सहयोगी कवि ।सम्पादन : 1. आधुनिक प्रबन्ध काव्य : संवेदना के धरातल, 2. शोध एवं समीक्षा; 3. स्वातन्त्र्योत्तर हिन्दी कविता; 4. प्रसाद साहित्य : विविध आयाम (सह-सम्पादन) ।अनुवाद : 1. मराठी-गुजराती कविता-कहानियों का अनुवाद; 2. 'सीधी रेखा' प्रसिद्ध मराठी कथाकार गंगाधर गाडगिल की कुछ कहानियों का अनुवाद; 3. 'रश्मि' पत्रिका का सह-सम्पादन ।
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