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Ravan Ko Gussa Kyon Aata Hai
Publisher:
Penguin
| Author:
Vimal Kumar
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Book Type |
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SKU:
Categories: Hindi, New Releases & Pre-orders
Page Extent:
176
देश के हालात इतने बुरे हो गए हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम से लेकर भगवान बुद्ध, कालिदास, शाहजहां, महात्मा गांधी, चचा गालिब और प्रेमचन्द भी हक्के-बक्के हैं। उन्हें अब कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। अब तो रावण को भी गुस्सा आने लगा है। इस पुस्तक में राजनीति, बाज़ार, मीडिया और भूमंडलीकरण से उत्पन्न विद्रूप स्थितियों को व्यंग्य के माध्यम से कहने की कोशिश है, जो आज के दौर की उलटबांसी हो गई है। यहाँ पढ़िए, गांधी जी चैनल को क्या इंटरव्यू दे रहे हैं? गालिब इलेक्शन पर क्या बोल रहे हैं? महँगाई के बारे में कालिदास क्या कह रहे हैं? घड़ियाल भारतीय राजनीति पर क्या टिप्पणी कर रहा है? बाघ ‘लव’ में असफल होकर क्यों आत्महत्या कर रहा है? हनुमान की व्यथा क्या है और भूमंडलीकरण के दौर में कुत्ते का दर्द क्या है?
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Description
देश के हालात इतने बुरे हो गए हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम से लेकर भगवान बुद्ध, कालिदास, शाहजहां, महात्मा गांधी, चचा गालिब और प्रेमचन्द भी हक्के-बक्के हैं। उन्हें अब कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। अब तो रावण को भी गुस्सा आने लगा है। इस पुस्तक में राजनीति, बाज़ार, मीडिया और भूमंडलीकरण से उत्पन्न विद्रूप स्थितियों को व्यंग्य के माध्यम से कहने की कोशिश है, जो आज के दौर की उलटबांसी हो गई है। यहाँ पढ़िए, गांधी जी चैनल को क्या इंटरव्यू दे रहे हैं? गालिब इलेक्शन पर क्या बोल रहे हैं? महँगाई के बारे में कालिदास क्या कह रहे हैं? घड़ियाल भारतीय राजनीति पर क्या टिप्पणी कर रहा है? बाघ ‘लव’ में असफल होकर क्यों आत्महत्या कर रहा है? हनुमान की व्यथा क्या है और भूमंडलीकरण के दौर में कुत्ते का दर्द क्या है?
About Author
9 दिसंबर, 1960 को पटना में जन्मे एवं राँची तथा दिल्ली से शिक्षा ग्रहण करने वाले विमल कुमार एक चर्चित लेखक हैं। वह एक राष्ट्रीय समाचार एजेंसी में पिछले पच्चीस सालों से वरिष्ठ पत्रकार हैं और संसद की भी रिपोर्टिंग करते रहे हैं। उनके चार कविता संग्रह भी छप चुके हैं। उनकी रचनाएँ प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर छपती रही हैं। उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं तथा अनेक रचनाओं के अंग्रेज़ी एवं विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं। विमल कुमार ने अपनी व्यंग्य-कथाओं के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
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