SAMPOORNA YOG VIDHYA (New Edition) (HINDI)

Publisher:
MANJUL
| Author:
RAJEEV JAIN TRILOK
| Language:
English
| Format:
Paperback

361

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Weight 490 g
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SKU 9788183221733 Category Tag
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592

इस पुस्तक में पतंजलयोगप्रदीप, हठयोगप्रदीप, घेरण्ड संहिता, वशिष्ट संहिता आदि प्राचीन और प्रमाणित ग्रंथों का सार है। साथ ही अष्टांग योग, योगासन, प्राणायाम, मुद्रा, हस्तमुद्रा, बंध, ऊर्जा प्रदायक विशेष आसन एवं क्रियाएँ, ध्यान, षट्कर्म, कुण्डलिनी योग, नाभि-चिकित्सा, सूर्य नमस्कार, चंद्र नमस्कार व हास्य योग चिकित्सा जैसी विधाओं के बारे में संपूर्ण जानकारी है। इसमें योग द्वारा जीने की कला, योग और आयुर्वेद का संबंध, योग और मानसिक स्वास्थ्य, किसी रोग विशेष में कौन सा आसन और आहार उपयुक्त है और कौन सा वर्जित है, योग्य आहार की उपयोगिता, संपूर्ण स्वास्थ्य हासिल करने के तरीके, तनाव प्रबंधन में योग की भूमिका, एक्यूप्रेशर आदि का वर्णन एवं योग की वैज्ञानिक कारणों सहित विवेचना है । यह पुस्तक योग विद्या और उस पर आधारित चिकित्सा की एक संपूर्ण संहिता है, जो आपको शारीरिक, मानसिक और भौतिक एवं आध्यात्मिक सुख भी प्रदान करेगी।

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Description

इस पुस्तक में पतंजलयोगप्रदीप, हठयोगप्रदीप, घेरण्ड संहिता, वशिष्ट संहिता आदि प्राचीन और प्रमाणित ग्रंथों का सार है। साथ ही अष्टांग योग, योगासन, प्राणायाम, मुद्रा, हस्तमुद्रा, बंध, ऊर्जा प्रदायक विशेष आसन एवं क्रियाएँ, ध्यान, षट्कर्म, कुण्डलिनी योग, नाभि-चिकित्सा, सूर्य नमस्कार, चंद्र नमस्कार व हास्य योग चिकित्सा जैसी विधाओं के बारे में संपूर्ण जानकारी है। इसमें योग द्वारा जीने की कला, योग और आयुर्वेद का संबंध, योग और मानसिक स्वास्थ्य, किसी रोग विशेष में कौन सा आसन और आहार उपयुक्त है और कौन सा वर्जित है, योग्य आहार की उपयोगिता, संपूर्ण स्वास्थ्य हासिल करने के तरीके, तनाव प्रबंधन में योग की भूमिका, एक्यूप्रेशर आदि का वर्णन एवं योग की वैज्ञानिक कारणों सहित विवेचना है । यह पुस्तक योग विद्या और उस पर आधारित चिकित्सा की एक संपूर्ण संहिता है, जो आपको शारीरिक, मानसिक और भौतिक एवं आध्यात्मिक सुख भी प्रदान करेगी।

About Author

राजीव जैन लगभग 31 वर्षों से योग एवं अध्यात्म से जुड़े हुए हैं। वे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अध्यात्म पर निरंतर लेखन भी करते हैं। वे योग, ध्यान, प्राणायाम, मुद्रा, बंध, कुण्डलिनी योग, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र, हस्तरेखा, हस्तलिखित ज्योतिष ताड़पत्र, सूर्य विज्ञान, आयुर्वेद, पारदतंत्र आदि प्राच्य विद्याओं में शोधरत हैं ।

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