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Devavani Tattvabodhini (Sanskrit Vyakaran) in Hindi
₹1,995 ₹1,496
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Sankhiki: Statistics
Publisher:
Motilal Banarsidass Publishers
| Author:
Dr. Reeta Kumari
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹450 ₹383
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Category: Hindi
Page Extent:
प्रस्तुत पुस्तक “साख्यिकी” छात्र-छात्राओं एवं विद्वानों की इस ज्ञान पिपासा को कम करने के क्रम में एक प्रयास है। इस पुस्तक के माध्यम से सांख्यिकीय ज्ञान को सरल ढंग से सीखाने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक स्नातक, स्नातकोत्तर, UGC-NET, SET एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए एक उपयुक्त सहयोगी साबित होगा। पुस्तक में भाषा की सरलता का ध्यान रखा गया है। साथ ही उदाहरणों की सहायता से संबंधित तथ्यों को समझाने की चेष्टा की गई है।
इस पुस्तक में कुल बारह अध्याय हैं, जिनकी सहायता से सांख्यिकी के विभिन्न संप्रत्ययों को सरलतापूर्वक प्रस्तुत करने की पूरी कोशिश की गई है। यथा, अध्याय 1. मनोविज्ञान शोध का अर्थ एवं स्वरूप, अध्याय 2. आवृति वितरण एवं ग्राफ द्वारा आवृत्ति दिखाना, अध्याय 3. केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप, अध्याय परिवर्तनीयता या विचलनशीलता के मापक (माप), अध्याय 5. सामान्य वितरण, अध्यावर्ग नरीक्षण सह सम्बन्ध, अध्याय 8. माध्य की मानक त्रुटि, अध्याय 9 सांख्यिकी की विश्वसनीयता अध्याय 10 प्रसरण-विश्लेषण, अध्याय 11. अप्रचतिक सांख्यिकी, अध्याय 12. प्रतिगमन और भविष्यकथन।
आशा है प्रस्तुत पुस्तक छात्र-छात्राओं की सांख्यिकी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगा। लेकिन, सपस्त को शिक्षकों और जागरूक छात्र-छात्राओं से पुस्तक सकती है। सभी विद्वान, वे पुसी भी तरह की त्रुटि में हमें अवगत कराने का कष्ट करें ताकि उन त्रुटियों को आगामी संमें जा सके।
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Description
प्रस्तुत पुस्तक “साख्यिकी” छात्र-छात्राओं एवं विद्वानों की इस ज्ञान पिपासा को कम करने के क्रम में एक प्रयास है। इस पुस्तक के माध्यम से सांख्यिकीय ज्ञान को सरल ढंग से सीखाने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक स्नातक, स्नातकोत्तर, UGC-NET, SET एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए एक उपयुक्त सहयोगी साबित होगा। पुस्तक में भाषा की सरलता का ध्यान रखा गया है। साथ ही उदाहरणों की सहायता से संबंधित तथ्यों को समझाने की चेष्टा की गई है।
इस पुस्तक में कुल बारह अध्याय हैं, जिनकी सहायता से सांख्यिकी के विभिन्न संप्रत्ययों को सरलतापूर्वक प्रस्तुत करने की पूरी कोशिश की गई है। यथा, अध्याय 1. मनोविज्ञान शोध का अर्थ एवं स्वरूप, अध्याय 2. आवृति वितरण एवं ग्राफ द्वारा आवृत्ति दिखाना, अध्याय 3. केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप, अध्याय परिवर्तनीयता या विचलनशीलता के मापक (माप), अध्याय 5. सामान्य वितरण, अध्यावर्ग नरीक्षण सह सम्बन्ध, अध्याय 8. माध्य की मानक त्रुटि, अध्याय 9 सांख्यिकी की विश्वसनीयता अध्याय 10 प्रसरण-विश्लेषण, अध्याय 11. अप्रचतिक सांख्यिकी, अध्याय 12. प्रतिगमन और भविष्यकथन।
आशा है प्रस्तुत पुस्तक छात्र-छात्राओं की सांख्यिकी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगा। लेकिन, सपस्त को शिक्षकों और जागरूक छात्र-छात्राओं से पुस्तक सकती है। सभी विद्वान, वे पुसी भी तरह की त्रुटि में हमें अवगत कराने का कष्ट करें ताकि उन त्रुटियों को आगामी संमें जा सके।
About Author
डॉ रोता कुमारी, मारवाडी महाविद्यालय गैंची में मनोविज्ञान की प्रख्यात शिक्षिका हैं। इन्होंने अपनी शैक्षिक उपलब्धियाँ राँची विश्वविद्यालय, राँची से प्राप्त की है। इन्होंने मनोविज्ञान और हिन्दी में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। इन्हें मनोविज्ञान विषय में 2006 में पी-एच-डी की उपाधि से सम्मानित किया गया। शिक्षिका ने अब तक छह अन्तर्राष्ट्रीय और 26 राष्ट्रीय सेमिनारों में अपने शोध पत्र प्रस्तत किये है। विभिन्न शोध जर्नलों में इनकी 38 शोध रचनाओं का प्रकाशन हुआ है। इन्होंने यू-जी-सी ह्युमन रिसोर्स विकास केन्द्र, राँची द्वारा आयोजित 76वाँ और 92वाँ ओरियन्टेंशन कार्यक्रम में एक रिसोर्स पर्सन (Resource Person) के रूप में अपना दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है, साथ ही उन्होंने ओरियेंन्टेंशन जनवरी (2016) तथा रिफ्रेसर कार्यक्रम (2019) में कोर्स कोडिनेटर के रूप में कार्यक्रमों का सुचारू रूप से संचालन किया। इन्होंने यू-जी-सी द्वारा प्रायोजित एक Minor Research Project को सफलतापूर्वक पूर्ण किया है और यू-जी-सी द्वारा प्रायोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन (2017) में सफलतापूर्वक किया है। भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107वें अधिवेशन में डॉ० रीता कुमारी को उत्कृष्ट रिसर्च पेपर के लिए अकादमिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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