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सेतु समग्र: मंगलेश दबराल | SETU SAMAGRA : MANGALESH DABRAAL
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परख | PARAKH
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सुखदा | SUKHDA
Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
JAINENDRA KUMAR
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹160 ₹159
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In stock
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3-5 Days
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SKU:
SKU
9789393758941
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
184
सुखदा जैनेन्द्र कुमार का कालजयी उपन्यास है। सुखदा की यह कहानी सामने लाते हुए मेरा मन निःशंक नहीं है। ढ़ाढस यही है कि खुद इन पृष्ठों से जान पड़ता है उन्हें आशा थी कि ये कभी प्रकाश में आएँगे। -जैनेन्द्र कुमार
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Description
सुखदा जैनेन्द्र कुमार का कालजयी उपन्यास है। सुखदा की यह कहानी सामने लाते हुए मेरा मन निःशंक नहीं है। ढ़ाढस यही है कि खुद इन पृष्ठों से जान पड़ता है उन्हें आशा थी कि ये कभी प्रकाश में आएँगे। -जैनेन्द्र कुमार
About Author
प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्र कुमार (२ जनवरी, १९०५- २४ दिसंबर, १९८८) का विशिष्ट स्थान है। वह हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में मान्य हैं। जैनेंद्र अपने पात्रों की सामान्यगति में सूक्ष्म संकेतों की निहिति की खोज करके उन्हें बड़े कौशल से प्रस्तुत करते हैं। उनके पात्रों की चारित्रिक विशेषताएँ इसी कारण से संयुक्त होकर उभरती हैं। जैनेंद्र के उपन्यासों में घटनाओं की संघटनात्मकता पर बहुत कम बल दिया गया मिलता है। चरित्रों की प्रतिक्रियात्मक संभावनाओं के निर्देशक सूत्र ही मनोविज्ञान और दर्शन का आश्रय लेकर विकास को प्राप्त होते हैं।
जैनेंद्र कुमार का जन्म २ जनवरी सन १९०५, में अलीगढ़ के कौड़ियागंज गांव में हुआ। २४ दिसम्बर १९८८ को उनका निधन हो गया।
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