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Vaikalya
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The Life and Times of Leonardo Da Vinci
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Vedic Ankganit
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Virendra Kumar & S. Bhushan
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
₹350 ₹263
Save: 25%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
SKU:
Categories: General Academics, Hindi
Page Extent:
154
अंकगणित का मूल आधार संख्याएँ तथा उनका योग, व्यवकलन, गुणन, विभाजन आदि प्रमुख संक्रियाएँ हैं । इसके अतिरिक्त संख्याओं के गुणनखंड, मूल तथा घात निकालने की भी आवश्यकता पड़ती है । दो संख्याओं का मध्यानुपाती ज्ञात करने, दिए क्षेत्रफल के वर्गाकार क्षेत्र की भुजा ज्ञात करने, दिए क्षेत्रफल के वृत की त्रिज्या ज्ञात करने, मानक विचलन निकालने आदि अनेक प्रकार के प्रश्नों में वर्गमूल निकालने की आवश्यकता होती है । क्षेत्रफल और आयतन के प्रश्नों में, बोधायन-पाइथागोरस प्रमेय के अनुप्रयोग में, दो बिंदुओं के बीच की दूरी की गणना करने में, चक्रवृद्धि ब्याज के प्रश्न हल करने में, संख्याओं के वर्गफल या घनफल निकालने की आवश्यकता होती है । हमारे देश के विद्वानों ने ऐसी अनेक विधियाँ खोजी हैं, जो गणनाओं को अति अल्प समय में करने में सहायक होती हैं तथा मौखिक रूप से गणनाएँ सरलता से की जा सकती हैं । प्रस्तुत पुस्तक का उद्देश्य ‘ वैदिक गणित ‘ के ज्ञान को व्यावहारिक बनाना है, जिससे जन-जन में इसकी पैठ हो सके । इसमें मात्र अंकगणित के क्षेत्र में ‘ वैदिक गणित ‘ की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया है । वैदिक विधियाँ अत्यंत सरल हैं, जो गणनाओं के करने में छात्रों के समय तथा श्रम की बचत करती हैं, जिसका लाभ प्राथमिक से लेकर उच्च कक्षाओं तक के सभी छात्र उठा सकते हैं । व्यावहारिक जीतन में तो. ये विधियों अति उपयोगी हैं ही, साथ ही जनसामान्य के लिए भी अति उपयोगी हैं ।.
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Description
अंकगणित का मूल आधार संख्याएँ तथा उनका योग, व्यवकलन, गुणन, विभाजन आदि प्रमुख संक्रियाएँ हैं । इसके अतिरिक्त संख्याओं के गुणनखंड, मूल तथा घात निकालने की भी आवश्यकता पड़ती है । दो संख्याओं का मध्यानुपाती ज्ञात करने, दिए क्षेत्रफल के वर्गाकार क्षेत्र की भुजा ज्ञात करने, दिए क्षेत्रफल के वृत की त्रिज्या ज्ञात करने, मानक विचलन निकालने आदि अनेक प्रकार के प्रश्नों में वर्गमूल निकालने की आवश्यकता होती है । क्षेत्रफल और आयतन के प्रश्नों में, बोधायन-पाइथागोरस प्रमेय के अनुप्रयोग में, दो बिंदुओं के बीच की दूरी की गणना करने में, चक्रवृद्धि ब्याज के प्रश्न हल करने में, संख्याओं के वर्गफल या घनफल निकालने की आवश्यकता होती है । हमारे देश के विद्वानों ने ऐसी अनेक विधियाँ खोजी हैं, जो गणनाओं को अति अल्प समय में करने में सहायक होती हैं तथा मौखिक रूप से गणनाएँ सरलता से की जा सकती हैं । प्रस्तुत पुस्तक का उद्देश्य ‘ वैदिक गणित ‘ के ज्ञान को व्यावहारिक बनाना है, जिससे जन-जन में इसकी पैठ हो सके । इसमें मात्र अंकगणित के क्षेत्र में ‘ वैदिक गणित ‘ की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया है । वैदिक विधियाँ अत्यंत सरल हैं, जो गणनाओं के करने में छात्रों के समय तथा श्रम की बचत करती हैं, जिसका लाभ प्राथमिक से लेकर उच्च कक्षाओं तक के सभी छात्र उठा सकते हैं । व्यावहारिक जीतन में तो. ये विधियों अति उपयोगी हैं ही, साथ ही जनसामान्य के लिए भी अति उपयोगी हैं ।.
About Author
वीरेंद्र कुमार शिक्षा _ एम.एस-सी. (गणित), बी.एड प्रवक्ता, गणित, एम.एल. इंटर कॉलेज, सहपऊ, मथुरा (उप्र.) । जन्मतिथि: 18 जुलाई, 1948 अनेक शोध-पत्र प्रकाशित । विज्ञान व गणित की अनेक पुस्तकों के लेखन में संलग्न । शैलेंद्र भूषण शेक्षा: एम.एस-सी., एम.एड., डिप्लोमा इन कॉमनवेल्थ एजूकेशनल एडमिनिस्ट्रेशन ( बर्मिघम विश्वविद्यालय) । शिक्षण अनुभव: शिक्षकस्प्रशिक्षक के रूप में गणित, विज्ञान, जीव विज्ञान शिक्षण का चौबीस वर्ष का अनुभव । पुस्तकें: विज्ञान प्रशिक्षण, गणित प्रशिक्षण जीव विज्ञान, शैक्षिक तकनीकी, शिक्षण अधिगम के आधारभूत तत्त्व, सूक्ष्म शिक्षण तथा एनसीसी. प्रशिक्षण से संबद्ध अनेक पुस्तकें प्रकाशित ।.
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