Khatre Mein Bharat 476

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Freud Manovishleshan 319

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Youn Manovigyan

Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Ellis, Havloc
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

298

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1-4 Days

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SKU 9788170289838 Category
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292

इस ग्रंथ की गणना बीसवीं शताब्दी के क्लासिक ग्रंथों मे की जाती है- जिन्होंने मनुष्य के जीवन और धारणाओं को गहराई से प्रभावित किया।
मनोविज्ञान में यौन भावनाओं के प्रभाव का विचार यद्यपि पहले-पहल फ्रायड ने दिया था परंतु इस विषय पर व्यापक अध्ययन और लेखन हैवलॉक एलिस ने किया। अनेक खंडों में प्रकाशित उनके अध्ययन दुनिया भर में फैले और पढ़े गए और उन सब का सार-संक्षेप उन्होंने दि साइकोलॉजी ऑफ सेक्स नामक ग्रंथ में किया जिसके अनुवाद दुनिया भर की बहुत-सी भाषाओं में प्रकाशित हुए।
हिंदी में इस ग्रंथ का अनुवाद प्रसिद्ध लेखक और संपादक तथा स्वयं यौन शिक्षा के समर्थक, मम्मथनाथ गुप्त ने बड़ी लगन और योग्यता से संपन्न किया है। यह है मूल ग्रंथ के ही समान धाराप्रवाह और स्पष्ट है और पाठकों ने इसे बहुत पसंद किया है। इसके कई संस्करण प्रकाशित हुए।
काफी समय से यह ग्रंथ बाजार में उपलब्ध नहीं था। अभी इसे नई सज्जा के साथ पुनः प्रकाशित किया जा रहा है।

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Description

इस ग्रंथ की गणना बीसवीं शताब्दी के क्लासिक ग्रंथों मे की जाती है- जिन्होंने मनुष्य के जीवन और धारणाओं को गहराई से प्रभावित किया।
मनोविज्ञान में यौन भावनाओं के प्रभाव का विचार यद्यपि पहले-पहल फ्रायड ने दिया था परंतु इस विषय पर व्यापक अध्ययन और लेखन हैवलॉक एलिस ने किया। अनेक खंडों में प्रकाशित उनके अध्ययन दुनिया भर में फैले और पढ़े गए और उन सब का सार-संक्षेप उन्होंने दि साइकोलॉजी ऑफ सेक्स नामक ग्रंथ में किया जिसके अनुवाद दुनिया भर की बहुत-सी भाषाओं में प्रकाशित हुए।
हिंदी में इस ग्रंथ का अनुवाद प्रसिद्ध लेखक और संपादक तथा स्वयं यौन शिक्षा के समर्थक, मम्मथनाथ गुप्त ने बड़ी लगन और योग्यता से संपन्न किया है। यह है मूल ग्रंथ के ही समान धाराप्रवाह और स्पष्ट है और पाठकों ने इसे बहुत पसंद किया है। इसके कई संस्करण प्रकाशित हुए।
काफी समय से यह ग्रंथ बाजार में उपलब्ध नहीं था। अभी इसे नई सज्जा के साथ पुनः प्रकाशित किया जा रहा है।

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